मेरी कलम से कुछ .. ' अनकही '
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मेरी तस्वीरें
Sunday, January 8, 2012
" इश्क में तेरे... "
इश्क में तेरे ये मुकाम होने दे,
ये हसीं सितम सरे आम होने दे
इक एहसान की ख्वाहिश है तुझसे,
होना चाहता हूँ गुलाम तेरा,
कुछ पल ये कत्ले आम होने दे...!!
-- जितेन्द्र भाटी
1 comment:
Jitendra Bhati
January 9, 2012 at 2:51 AM
कृपया अपने विचार जरुर व्यक्त किजियेगा ..!
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कृपया अपने विचार जरुर व्यक्त किजियेगा ..!
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