"
वो परेशान करते रहे,
मैं परेशान होता रहा .."
किसी ने जाना नही
मेरी परेशानियों को ..
समां यूँ नादान होता रहा ..
मैं परेशान होता रहा ..
"
परेशानियों संग परेशान होने का ..
ये अजीब जुर्म मेरा, मेहमान होता रहा ..
फिर भी इन बातों से मै ,अनजान होता रहा ..
मैं परेशान होता रहा .."
"
क्या परेशानियों का नसीब गम होता है ..
गर होता है तो, गम-ए-नसीब मेरा ..
अरमान होता रहा ..
मैं परेशान होता रहा .."
" तु कितना भी कर परेशान मुझे ..
हालातों को जीत कर मै ..
जितेन्द्र-ए-परेशान होता रहा ..
मैं परेशान होता रहा .."
-- जितेन्द्र भाटी
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