" कुछ होते है दीवाने मंजिल के ..
एक दीवाना मै भी हूँ ..! "
"
लाख मंजिल तु दूर सही ..
मुझसे ना बच पाएगी ..
आना है उस दिन को इक दिन ..
संग मेरे कदम बढ़ाएगी ..
है तेरे चाहने वाले ..
एक परवाना मै भी हूँ ..
कुछ होते है दीवाने मंजिल के
एक दीवाना मै भी हूँ ..! "
'"
लगी आग सिने मै बंदे ..
ये आग ना अब बुझ पाएगी ..
क्या सोचे तु दीवाना बन जा ..
मंजिल पास बुलाएगी ..
छेडे है तराने कुछ ने ..
एक तराना मै भी हूँ
कुछ होते है दीवाने मंजिल के
एक दीवाना मै भी हूँ ..! "
-- जितेन्द्र भाटी
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