मौला तेरी रहमत इतनी ,
दुआ मै तुमसे करता हूँ ..
आज जाते है लब्ज वहाँ से ,
जब याद तुझे मै करता हूँ ..!
दुआ मै तुमसे करता हूँ ..
आज जाते है लब्ज वहाँ से ,
जब याद तुझे मै करता हूँ ..!
पड़ जाती है स्याही भी कम ,
कलाम जब मै लिखता हूँ ..
कलाम जब मै लिखता हूँ ..
कल्पनाओं के असीम सागर में ,
अपनी सोच भिगोता हूँ ..!
अपनी सोच भिगोता हूँ ..!
शब्दों संग यारी करके , अपनी प्रीत संजोता हूँ ..
शब्दों के फूल बनकर , कागज
पर मै खिलता हूँ ..!
कभी आती है रचना
ख्वाबों में , महसूस मै उसको करता हूँ ..
रचना कहती ऐसे रचना , तब "एहसास" खास मै रचता हूँ ..!
रचना कहती ऐसे रचना , तब "एहसास" खास मै रचता हूँ ..!
लब्जों के आसमां में , उड़ाने कुछ मै भरता हूँ ..
इन्द्रधनुष
मेघा संग मिलकर , कुछ रंगों में बरसता हूँ ..!
कहे कोई शायर मुझको , या कहे कोई कवि ..
काव्य है जग ये सारा , काव्य दिल में रखता हूँ ..!
हो गई हो कुछ भूल मुझसे , मै क्षमा याचना करता हूँ ..!
शुरुआत है ये मेरे जीवन कि , गिरता हूँ कुछ संभलता हूँ .!
शुरुआत है ये मेरे जीवन कि , गिरता हूँ कुछ संभलता हूँ .!
देना साथ प्रभु तुम मेरा , मगन मै तुझमे रहता हूँ
तु ही है काव्य मेरा , मै काव्य आराधना करता हूँ ..!
--- जितेन्द्र भाटी
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